Tuesday, March 27, 2012

रोडवेज को भारी पड़ा पत्रकार राजेंद्र गुंजल को सीट न देना

अजमेर। वोल्वो बस में रिजर्वेशन के बावजूद यात्री को सीट उपलब्ध नहीं कराना राजस्थान रोडवेज को महंगा पड़ गया। रोडवेज को सेवा में कमी और लापरवाही का दोषी मानते हुए उपभोक्ता मंच ने पीड़ित यात्री को साढ़े पांच हजार रुपए हर्जाना चुकाने के आदेश दिए हैं।
एक सीट, यात्री 2 : मंच के समक्ष वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र गुंजल ने वकील सूर्यप्रकाश गांधी के जरिए परिवाद पेश किया था। गुंजल का कहना था कि वे अधिस्वीकृत पत्रकार हैं। वे रोडवेज की वोल्वो व एसी बसों के अलावा अन्य बसों में निशुल्क यात्रा के हकदार हैं। 13 जून 2011 को उन्हें दिल्ली जाना था। इसके लिए साधारण बस की जगह वोल्वो बस में एक दिन पहले 225 रुपए अदा कर रिजर्वेशन कराने पर सीट नंबर 11 दी गई। यात्रा तिथि को जब परिवादी बस में सवार हुए तो उनकी रिजर्व सीट का टिकट अन्य महिला यात्री को दे दिया गया। परिवादी द्वारा सीट रिजर्व होने का हवाला देने पर महिला ने भी अपना टिकट दिखा दिया। बस में कोई सीट खाली नहीं होने पर गुंजल को कंडक्टर की सीट पर यात्रा करनी पड़ी। सीट आरामदायक व पुश बैक नहीं होने से परिवादी की यात्रा कष्टदायक रही।
रोडवेज ने मानी गलती : रोडवेज ने आरक्षित सीट अन्य को देने की बात तो मानी लेकिन कंडक्टर सीट पर यात्रा से इनकार किया। परिवादी ने टिकट पेश किया जिस पर स्पष्ट लिखा था कि कंडक्टर परिवादी को अपनी सीट पर ले जा रहा है।
साढ़े पांच हजार का जुर्माना : मंच अध्यक्ष कमलराज सिंघवी और सदस्य रेनु द्विवेदी ने परिवाद मंजूर कर निर्णय में कहा कि रोडवेज ने लापरवाही और सेवा में कमी की है। मंच ने रोडवेज को आदेश दिया कि परिवादी को क्षतिपूर्ति व परिवाद व्यय के रूप में साढ़े पांच हजार रुपए अदा करे। साभार : भास्‍कर

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